स्थैतिक विश्लेषण का महत्व


स्थैतिक विश्लेषण का महत्व 
स्थैतिक अर्थशास्त्र की आर्थिक विश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका है तथा सेद्धान्तिक व् व्यावहारिक दोनों जगहो में महत्व है |
  1. सरल आर्थिक विश्लेषण (Simple Economic Analysis )   स्थैतिक विश्लेषण द्वारा आर्थिक समस्याओ को सही ढंग से समझा जा सकता है | अर्थ व्यवस्था की क्रियाए जब संतुलन की स्थिति में होती है तो अन्य जगहों पर होने वाले प्रभावों का विश्लेषण आसानी से  किया जाता है|
  2. विस्तृत क्षेत्र- अर्थशास्त्र को बहुत सी विषय सामग्री स्थैतिक पर आधारित होती है जिसमे कीमत निर्धारण ,उत्पति के संसाधनों का आवंटन ,अन्तरराष्ट्रीय  व्यापार आदि से सम्बंधित नियम स्थैतिकी पर आधारित होती है |जटिल आर्थिक समस्याओं के विश्लेषण के लिए भी स्थिर अवस्था को उपयुक्त माना जाता है|
  3. परिवर्तन शील अर्थव्यवस्था ले अध्ययन में स्थैतिक अर्थशास्त्र उपयोगी (Useful in Study of Dynamic Economy)- अर्थव्यवस्था में होने वाले आर्थिक परिवर्तन बहुत जटिल होता है जिनका विश्लेषण करने की लिए परिवर्तनों को छोटी -छोटी स्थैतिक अवस्थाओ में विभाजित करके किया जाता है | प्रो. मेहता के अनुसार , "प्रावेगिक अर्थशास्त्र को स्थैतिक अर्थशास्त्र पर एक लगातार टिका माना जाता है |"
  4. भ्रमात्मक समस्याओ का समाधान - स्थैतिक विश्लेषण से माध्यम से अर्थशास्त्र की कुछ भ्रमात्मक समस्याओं का समाधान करने में  मदद मिलती है |
  5. उच्च गणितीय ज्ञान की आवश्यकता नही(Not Need of Advanced) -स्थैतिक विश्लेषण में उच्च ज्ञान के बिना भी विश्लेषण करना सरल होता है |
  6. पूर्वानुमान में सहायक(Helpful in of Forcecasting ) _कुछ परिस्थितियों में वर्तमान तथा भूतकाल को स्थैतिक आवस्थाओ के आधार पर भविष्य के सम्बन्ध में पुर्वानुमान लगाया जा सकता है |
  7. अनुसन्धान में सहायक (Helpful in Research)स्थैतिक अर्थशास्त्र ,आर्थिक समस्याऑ को अनुसन्धान के माध्यम से हल करने में सहायक होता है |

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