उपभोक्ता की बचत की परिभाषाये व मान्यताये

उपभोक्ता की बचत की परिभाषाये
प्रो.मार्शल के अनुसार,"किसी वस्तु के उपभोग से वंचित रहने की अपेक्षा उपभोक्ता जो कीमत उस वास्तु के लिए देने को तत्पर है और जो कीमत वह वास्तव में चुकता है उनका अंतर ही संतुष्टि की बचत का आर्थिक माप है| इसे"उपभोक्ता की बचत" कहा जाता है |
प्रो.टासिंग के अनुसार ," उपभोक्ता की बचत कुल उपयोगिता और कुल विनिम मूल्यों को मापने वाला राशियों का अंतर है"
प्रो.सेन के अनुसार,"उपभोक्ता को उसकी खारीद  से प्राप्त होने वाला अतिरिक्त संतोष उपभोक्ता की बचत कहलाता है"
प्रो.जे.के मेहता के अनुसार,"किसी वास्तु के उपभोग से प्राप्त संतुष्टि तथा उस वस्तु को प्राप्त करने के लिए त्याग जा अब्तर को  ही उपभोक्ता की बचत कहते है|"
प्रो.सेम्युल्सन के अनुसार,"इस प्रकार हमेशा कुल उपयोगिता तथा कुल बाज़ार मूल्य में एकांतर होता है|यह अंतर ही अतिरिक्त की प्रकृति का होता है तथा उपभोक्ता को प्राप्त होता है,क्योकि वह जो कुछ भुगतान करता है,उससे अधिक उसे मिलता है|"
उपभोक्ता की बचत की मान्यताये 
  1. उपयोगिता को मुद्ररुपी पैमाने से ज्ञात किया जा सकता है|
  2. किसी वस्तु की उपयोगिता केबल उस वस्तु की पूर्ति पर निर्भर है कोई भी वस्तु अन्य वस्तुओ की पूर्ति से प्रभावित नहीं होता |
  3. द्रव्य की सीमांत उपयोगिता स्थिर रहती है वस्तु को खरीदने पर उसके मूल्य मव परिवर्तन नही होता है|
  4. अन्य बाते समान रहने चाहिए |
  5. स्थानापन्न वस्तु नही होनी चाहिए अगर है भी तो उन्हें एक मान लेनी चाहिए 
  6. प्रदर्शन प्रभाव उपभोक्ता को प्रभावित नही करते है|
  7. उपभोक्ता पर सीमांत उपयोगिता ह्रास नियम क्रिया शील होगा|





    

टिप्पणियाँ

  1. Nice
    https://ideashubs.blogspot.com/2022/01/Upabhokta-ki-bachat-ka-arth-paribhasha-mahatv-maanyataen.html

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