समष्टि आर्थिक विश्लेषण की सीमाये 

व्यक्तिगत इकाईयों के योग के आधार पर निकाले गये निष्कर्ष भ्रामक  समष्टि विश्लेषण  में व्यक्तियों के समूहों के सम्बन्ध में निष्कर्ष निकले जाते है जिन्हें सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था की दृष्टि कोण उचित नही माना जा है | उदारण के लिए के लिए यदि एक व्यक्ति बैंक से अपनी जमा को वापिस ले लिया जाता है |तो bank पर कोई प्रभाव नही होता परन्तु यदि सभी जमाकर्ता एक साथ धन निकालने लगेगा तो bank के लिए अच्छा नही होगा| व्यक्तिगत बचत व्यक्ति के लिए लाभदायक तो है यदि सभी लोग बचत करने लगे तो अर्थव्यस्था के लिए हानिकारक है| कीन्स ने कहा है ,"बचत हो व्यक्तिगत गुण है वह सार्वजनिक बुराई बन जाती है|

समूह की अपेक्षा समूह की रचना महत्वपूर्ण   समष्टि अर्थशास्त्र में समूहों के आधार पर निकले गये निष्कर्ष इस तथ्य पर आधारित होते है की समूह में सम्मिलित इकाईयो एक समान गुण व आकार -प्रकार  की होती है | परन्तु यह व्यावहारिक नही है उदाहरण के लिए यदि अर्थव्यस्था का कुल उत्पादन बढ़ जाता है तो कुछ वस्तुओ का उत्पादन  कम हो जाता है जिससे कुल उतपादन में कोई परिवर्तन नही दिखाई देता है |

सामूहिक प्रवृतियों का अर्थव्यवस्था के विभिन्न  क्षेत्रों  पर अलग अलग प्रभाव     सामूहिक प्रवृतिया अर्थव्यवस्था के समस्त क्षेत्र को सामान रूप के प्रभवित नही करती है जेसे मूल्य वृद्धि से कुछ व्यक्ति लाभान्वित होते है व्ही कुछ को हानि होती है अत:सामूहिक प्रवर्तियो के निष्कर्ष उचित नही होते है|

समूहों के माप में कठिनाई   समष्टि विश्लेषण के लिए अर्थव्यवस्था के विभिन्न समूहों को मापने में कठिनाई होती है | सामान्य मापदंड के रूप में मुद्रा का उपयोग किया जाता है परन्तु इसकी भी कुछ सीमाये है|

मष्टि विश्लेषण जटिल है    व्यावहारिक रूप में समष्टि विश्लेषण की प्रक्रिया बहुत जटिल है| अत: इसे समझना कठिन है |  



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