स्थैतिक अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताए व् प्रकार

स्थैतिक अर्थव्यवस्था की विशेषताए (Characteristics of Static Economics)
स्थैतिक अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताए निम्न प्रकार है :-
  1. स्थैतिक विश्लेषण में सामय मुख्य आधार है (Equilibrium is the Base):-स्थैतिक अर्थव्यवस्था का सम्बन्ध किसी समय विशेष पर अर्थव्यवस्था की साम्य  स्थिति से अध्ययन से है | साम्य या संतुलन स्थैतिक विशलेषण का प्रमुख आधार है |
  2. स्थैतिक अर्थव्यवस्था सक्रिय होती है   स्थैतिक अर्थव्यवस्था एक सक्रिय अर्थव्यवस्था  होती है जिसमे आर्थिक क्रियाओ में समान गति से परिवर्तन होते है परन्तु अर्थव्यवस्था से ढ़ाचे में ऐसे परिवर्तन नही होते जिससे अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आ जाये |प्रो.पीगू ने स्थैतिक अर्थव्यवस्था की तुलना एक झरने से करते हुए कहा है की ," जिन बूंदों से झरना बनता है वे सदेव बदलती रहती है परन्तु झरने का स्वरूप नही बदलता है |"
  3. स्थैतिक आर्थिक विश्लेषण समय रहित धारणा है :-स्थैतिक आर्थिक विश्लेषण में समय तत्व की उपेक्षा की जाती है यह किसी भी समय विशेष में आर्थिक तत्वों से साम्य अवस्था का विश्लेषण सरता है | 
  4. स्थैतिक का सम्बन्ध परिवर्तन की प्रक्रिया से नही है |

स्थैतिक विश्लेषण से प्रकार

  1. स्थैतिक विश्लेषण की व्याख्या दो प्रकार के  मॉडलके आधार चार प्रकार से किया जा सकता है -
  2. व्यष्टि स्थैतिक इसमें किसी दिए हुए समय में मांग तथा पूर्ति द्वारा किसी वस्तु की कीमत निर्धारित किया जाता है| एक समय  बिंदु  पर मांग पूर्ति फलन से जो कीमत निर्धारित होती है वह बहुत समय तक बनी रह सकती है यदि स्थितियों में परिवर्तन न हो |
  3. व्यष्टि तुलनात्मक स्थैतिक    यह व्यष्टि विश्लेषण की वह शाखा है जिसमे विभिन्न समय बिंदुओ पर व्यष्टि मात्राओं के पारस्परिक सम्बन्धो से स्थापित साम्य स्थितियों  की तुलना की जाती है | अर्थात इसमें दो संतुलन अवस्थाओ की तुलना की जाती है | इसी कारण से इस तुलनात्मक स्थैतिक कहा जाता है |
  4. समष्टि स्थैतिक    इसके अंतर्गत किसी समय बिंदु पर सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था की अंतिम संतुलन स्थिती का विश्लेषण किया जाता है | इसके अनुसार राष्ट्रीय आय का निर्धारण उस बिंदु पर होता है जहां कुल मांग फलन को काटता है 
  5. समष्टि तुलनात्मक स्थैतिक  इसके अंतर्गत समष्टि चरो में परिवर्तन के फल स्वरूप स्थापित दो अलग अलग संतुलन अवस्थाओ की तुलना की जाती है |
  6. समय विलम्ब प्रावेगिक अर्थशास्त्र ,में तुरंत संयोजन की मान्यता को स्वीकार नही किया जाता बल्कि यह माना जाता है की आर्थिक चरो में समायोजन में समय विलम्ब होती है |

                                                                                                                   स्थैतिक विश्लेषण का महत्व                                                                                                                                                    Next 

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